आ जम, हैदर और रऊफ एक मिडिल क्लास के कौफी हाउस में बैठे कौफी की चुस्कियां ले रहे थे. तीनों दसवीं क्लास तक साथसाथ पढ़े थे. हैदर और रऊफ पहले से कौफी हाउस में थे, जबकि आजम थोड़ी देर पहले वहां पहुंचा था. तीनों की भेंट कभीकभार ही होती थी.
‘‘तो तुम आजकल टैक्सी चला रहे हो?’’ हैदर ने आजम से पूछा.
‘‘हां, क्या तुम ने यही पूछने के लिए बुलाया था?’’ आजम ने खुश्क स्वर में कहा और हैदर के कीमती सूट की तरफ देखा.
हैदर उस के चेहरे को ताकतेहुए बोला, ‘‘और तुम्हारी टांगें? क्या तुम पहले की तरह अब भी तेज दौड़ सकते हो?’’
‘‘टांगें भी ठीक हैं, लेकिन इस बात का मुझे यहां बुलाने से क्या संबंध है?’’ आजम ने उसे घूरते हुए कहा.
‘‘इस बारे में तुम्हें रऊफ बताएगा.’’ हैदर ने रऊफ की ओर इशारा करते हुए कहा, जो अब तक बिलकुल चुपचाप बैठा था. वह दुबलापतला युवक था, लेकिन उस का सिर एक तरफ झुका हुआ था, जैसे वह कान लगा कर कोई आवाज सुन रहा हो. उस के बारे में यह मशहूर था कि वह पचास गज के फासले से ही पुलिस वालों के कदमों की आहट सुन लेता था. हैदर और रऊफ आपराधिक गतिविधियों में संलग्न रहते थे. वे कभीकभी बड़ा हाथ भी मार लेते थे.
रऊफ बोला, ‘‘तुम्हें स्कूल में सब से तेज दौड़ने वाला छात्र कहा जाता था. मैं ने अपनी जिंदगी में किसी को इतना तेज दौड़ते हुए नहीं देखा. तुम ने एक किलोमीटर दौड़ने का क्या रिकौर्ड बनाया था आजम?’’
‘‘4 मिनट 10 सेकेंड. लेकिन यह स्कूल के जमाने की बात है. बाद में तो मैं 24 सेकेंड में 220 गज का फासला तय कर के स्टेट चैंपियन बन गया था. लेकिन उस के बाद कमबख्त शकील ने 22 सेकेंड में यह फासला तय कर के मेरा रिकार्ड तोड़ दिया. कोई सोच सकता है कि सिर्फ 2 सेकेंड के फर्क से मैं दूसरे नंबर पर आ गया.’’ आजम निराश स्वर में बोला.