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कालेज में फ्री पीरियड में जैसे ही श्वेता ने अपनी सहेली अमिता और राशी को अपने बौयफ्रैंड रोहन के बारे में बताया तो राशी हैरान होते हुए बोली, ‘‘तू बड़ी छिपीरुस्तम निकली, पिछले 6 महीने से तुम दोनों का चक्कर चल रहा है और हमें तू आज बता रही है.’’

‘‘तो तुम ने कौन सा अपने जयपुर वाले बिजनैसमैन बौयफ्रैंड संचित से हमें अभी तक मिलवाया है,’’ श्वेता ने पलट कर जवाब दिया.

‘‘प्लीज, दोनों लड़ो मत. चलो, कैंटीन चलते हैं, बाकी बातें वहीं कर लेना,’’ अमिता दोनों को चुप कराते हुए बोली.तीनों क्लास रूम से उठ कर कैंटीन की तरफ चल दीं.

राशी ने 3 बर्गर और हौट कौफी और्डर करते हुए श्वेता से पूछा, ‘‘चल छोड़, अब यह बता, तुम मिले कहां? रोहन के परिवार में कौनकौन है? हमें उस से कब मिलवा रही है?’’

‘‘क्या एक के बाद एक सवालों की बौछार कर रही है, आराम से एकएक कर के पूछ,’’ अमिता ने राशी को टोका.

‘‘अभी तो मैं ही रोहन से नहीं मिली तो तुम्हें कैसे मिलवाऊं,’’ श्वेता ने मजबूरी जताई.

‘‘तो पिछले 6 महीने से तुम एक बार भी नहीं मिले,’’ राशी ने हैरानी से पूछा.

‘‘तो तुम कौन सा संचित से मिली हो,’’ श्वेता ने उसी लहजे में राशी से पूछा.

‘‘संचित बिजनैस के सिलसिले में अकसर विदेश जाता है, उस ने तो मुझे अपने साथ सिंगापुर चलने के लिए कहा था, पर मैं ने ही मना कर दिया. शादी के बाद उस के साथ दुनिया घूमूंगी,’’ राशी चहकते हुए बोली.

‘‘चलो, चलो, बर्गर खाओ, ठंडा हो रहा है,’’ अमिता ने कहा.

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