जरा सोचिए आप की रिंग सैरेमनी में जब आप को अंगूठी पहनाने के लिए लड़का आप का हाथ मांगे और फिर अगले ही पल आप के नाखूनों के इर्दगिर्द कटेफटे क्यूटिकल्स देख कर वह नाकभौं सिकोड़े तो आप पर क्या बीतेगी? आप का बौयफ्रैंड प्यार से आप का हाथ थामे, लेकिन हाथ थामते ही आप की रूखी और सख्त हो चुकी त्वचा उसे चुभ जाए, तो भला आप का क्या इंप्रैशन पड़ेगा? आजकल महिलाएं चेहरे की खूबसूरती के साथसाथ हाथों और पैरों की सुंदरता पर भी ध्यान देने लगी हैं. खासतौर पर हाथों की खूबसूरती पर वे ज्यादा ध्यान दे रही हैं. इस के लिए हर 15 दिन में एक चक्कर पार्लर का भी लगा लेती हैं. हर वक्त महिलाओं के नाखून नेलपेंट से सजे रहते हैं. लेकिन क्या हाथों की खूबसूरती के लिए इतना ही काफी है? महंगे मैनीक्योर के बाद भी कई महिलाओं के क्यूटिकल्स निकले रहते हैं, जो उन के हाथों की खूबसूरती को तो कम करते ही हैं, नाखूनों को इन्फैक्शन भी दे देते हैं.
खासतौर पर सर्दी के मौसम में जब त्वचा रूखी हो जाती है तब क्यूटिकल्स भी ड्राई और सख्त हो जाते हैं. ऐसे में कई बार क्यूटिकल्स की पीड़ा से उबरने और हाथों की खूबसूरती पर लगे दाग को मिटाने के लिए महिलाएं ऐसे उपाय अपनाती हैं जो क्यूटिकल्स को नुकसान पहुंचाते हैं. कई बार तो स्थिति इतनी बिगड़ जाती है कि नेल सर्जरी तक की नौबत आ जाती है. इस बाबत द स्किन क्लीनिक के डर्मैटोलौजिस्ट डाक्टर वरुण कत्याल कहते हैं, ‘‘ज्यादातर महिलाएं नाखूनों की देखभाल को केवल फैशन से जोड़ कर देखती हैं. लेकिन नाखूनों की साफसफाई यानी देखभाल भी उतनी ही जरूरी है जितनी कि शरीर के अन्य हिस्सों की. यही नहीं क्यूटिकल्स के बारे में भी उन्हें कम ही जानकारी होती है. ज्यादातर महिलाएं क्यूटिकल्स को डैड स्किन समझ कर उसे काट देती हैं या दांत से चबाती रहती हैं, जबकि क्यूटिकल्स त्वचा का मृत नहीं जीवित हिस्सा होते हैं और नाखूनों के सुरक्षाकवच. क्यूटिकल्स ही नाखूनों को बैक्टीरियल अटैक और इन्फैक्शन से बचाते हैं.’’