रेटिंगः दो स्टार
निर्माताः विजय किरगंडूर
निर्देशकः प्रशांत नील
कलाकारः यश, श्रीनिधि शेट्टी , संजय दत्त, प्रकाश राज, रवीना टंडन, अनंत नाग, रामचंद्र राजू, मालविका अविनाश, अच्युत राजू,
अवधिः दो घंटे 48 मिनट
दक्षिण भारत में तमिल, मलयालम, तेलगू और कन्नड़ यह चार भाषायी फिल्म इंडस्ट्री हैं, जिनमें से कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री सबसे कमतर यानीकि चैथे पायदान पर मानी जाती रही है. मगर 2018 में प्रदर्शित कन्नड़ स्टार यश की फिल्म ‘‘केजीएफ’’ ने इस तथ्य को झुठला दिया था और हिंदी सहित अन्य भाषाओं में डब होकर प्रदर्शित इस फिल्म ने कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री को एक नया मुकाम दिलाया था. मगर अब अभिनेता यश और निर्देशक प्रशांत नील उसी फिल्म का सिक्वअल ‘‘ के जी एफ चैप्टर 2’’ लेकर आए हैं, जिसने दर्शकों को घोर निराश करने के साथ ही 2018 में कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की जो ईमेज चमकी थी, उसे भी धूमिल कर दी. फिल्म महज एक गेंगस्टर @ अपराधी को ग्लोरीफाई करती हैं, जिसके लिए जो तर्क दिए गए हैं, वह सब पूर्णरूपेण गलत है.
कहानीः
फिल्म की शुरुआत लेखक आनंद इंगलागी के बेटे विजयेंद्र इंगलागी(प्रकाश राज )से होती है, जो कि एक टीवी चैनल की संपादक दीपा हेगड़े(मालविका अविनाश) के जोर देने पर विजयेंद्र अपने पिता की लायब्रेरी में जाकर ‘केजीएफ’के दूसरे हिस्से की कहानी तलाशकर दीपा हेगड़े को सुनाते हैं. कहानी के अनुसार गरुड़ को मारने के बाद रॉकी(यश) केजीएफ का कार्यभार संभाल लेता है. इससे गुरु पांडियन(अच्युत कुमार), एंड्रयूज(बी एस अविनाश) और दया(तारक ), राजेंद्र देसाई( लक्की लक्ष्मण ) और कमल(तवाहिद राइक जमन) की झुंझलाहट बढ़ जाती है. क्योकि यह सभी केजीएफ पर शासन करने और इसकी अपार संपत्ति पर कब्जा करने की उम्मीद लगाए हुए थे. पर रॉकी तो गरीबों का मसीहा बना हुआ है. रॉकी, गरुड़ के भाई विराट और केजीएफ सिंहासन के उत्तराधिकारी को भी मार देता है. और राजेंद्र देसाई की बेटी रीना देसाई (श्रीनिधि शेट्टी) को जबरन अपने साथ रखता है. रॉकी हालांकि केजीएफ में सेना के कमांडर वानाराम को बख्श देता है. वानाराम, पहले गुस्से में, रॉकी से जुड़ जाता है और छोटे बच्चों को प्रशिक्षित करता है, जो क्षेत्र के नए गार्ड बन जाते हैं. रॉकी को पता चलता है कि इस क्षेत्र में कई बिना खुदाई वाली खदानें हैं और वह पुरुषों को इन जगहों से सोना निकालने का आदेश देता है. विचार यह है कि कम से कम समय में अधिक से अधिक सोने की खोज की जाए. इस बीच केजीएफ के संस्थापक सूर्यवर्धन के भाई अधीरा(संजय दत्त ) को मृत मान लिया गया. पता चलता है कि वह जीवित है और बदला लेने और स्वामित्व का दावा करने के लिए केजीएफ पहुंचता है. वह चालाकी से रॉकी को केजीएफ से बाहर निकालता है और उसे गोली मार देता है. वह रॉकी को जीवित रहने देता है ताकि केजीएफ में यह बात फैले कि भयानक अधीरा पहुंच चुका है. रॉकी स्वस्थ हो जाता है. लेकिन रॉकी को पता चलता है कि कोई भी केजीएफ से बाहर नहीं निकल सकता, क्योंकि अधीरा के आदमियों ने खदानों को घेर लिया है. इस बीच बॉम्बे में रॉकी के पूर्व बॉस शेट्टी ने पश्चिम और दक्षिण भारत के साथी गैंगस्टरों के साथ करार किया है, और रॉकी के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रहा है. वह दुबई के एक खूंखार गैंगस्टर इनायत खलील के साथ भी काम कर रहे हैं. इतना ही नही रॉकी का सामना प्रधान मंत्री रमिका सेन(रवीना टंडन ) से भी होता है, जो उसे खत्म करना चाहती है. अब रॉकी इन सभी तत्वों से कैसे लड़ता है, इसके लिए फिल्म देखनी पड़ेगी.