अकसर स्वैटर बुनने के बाद ऊन के कई छोटे छोटे गोले बच जाते हैं. इन का बढ़िया इस्तेमाल किया जा सकता है. आप अपनी कल्पना से घर में उपयोग होने वाली कई चीजें बना सकती हैं, जैसे- कुशनकवर, टेबल मैट्स, आसन, पायदान या कोई और सुंदर सा शोपीस. अगर आप क्रोशिया या कढ़ाई भी जानती हैं तो बचे ऊन के 1-1 धागे का प्रयोग कर सकती हैं.

बचे हुए ऊन के सही उपयोग के लिए आप को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा.

सर्वप्रथम ऊन का ठीक तरह से रखरखाव बेहद जरूरी है.

ऊन के गोलों को अलगअलग पोलिथीन के छोटेछोटे थैलों में रखें, वरना ऊन के धागे आपस में उलझ कर एकदूसरे में मिल जाएंगे और आप को सुलझाने में काफी कठिनाई हो सकती है.

एक जैसी ऊन या एक जैसी वैराइटी के ऊन एक ही जगह संभाल कर रखें.

एम्ब्रायड्री के लिए यदि आप कुछ बनाना चाहती हैं तो 2 प्लाई निटिंग यार्न सब से बेहतर रहता है. इस से आप ऊन को मोटी सूई में पिरो कर आसानी से इस्तेमाल कर सकती हैं.

मैटी या सम बुनावट वाला कपड़ा ले कर चौकोर या अपनी मनपसंद शेप में काट लें. कपड़ा हलके कलर का हो तो ज्यादा अच्छा रहता है, क्योंकि उस पर सभी रंग सुंदर दिखेंगे. सुंदर फूलपत्ती या कोई आसान डिजाइन कपड़े पर ट्रेस करें. कांथा वर्क से नमूना काढ़ें. ऊन की एम्ब्रायड्री में कांथा, लेजीडेजी या किसी भी सरल टांके का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि ऊन में थोड़े रोएं जरूर होते हैं, जो कपड़े में फंस सकते हैं.

फोर प्लाई ऊन का चुनाव क्रोशिया या सलाइयों के प्रयोग के लिए करें. क्रोशिए का काम काफी आकर्षक होता है और जल्दी भी हो जाता है. इसलिए घरों में अकसर गोलाकार मैट्स देखने को मिलते हैं. इन में सब से ज्यादा आसानी यह है कि इन्हें किसी भी कलर को बिना गांठ लगाए बुना जा सकता है. और बनाई गई वस्तु का प्रयोग दोनों तरफ से किया जा सकता है. लंबी पट्टियां बना कर बाद में उन्हें जोड़ कर नन्हेमुन्ने का बिछावन, कंबल या गरम चादर बनाई जा सकती है.

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