तालों में नैनीताल का कोई सानी नहीं है. झीलों से घिरे इस शहर में हनीमून कपल्स का जमावड़ा देखते ही बनता है. भारत के स्विट्जरलैंड के खिताब से नवाजा गया अल्मोड़ा ताजगी व उन्मुक्तता के एहसास से भर देता है. पहाड़ों में बिछी सीढ़ीदार हरी घास की चादर और घने जंगलों का लुत्फ लेना है तो रानीखेत से बेहतर कोई जगह नहीं है.
नैनीताल
हनीमून मनाने इन दिनों कपल्स अगर सब से ज्यादा कहीं जा रहे हैं तो वह जगह उत्तराखंड में नैनीताल है. देश का इकलौता शहर जो पूरी तरह झीलों से घिरा है. इसे लेक डिस्ट्रिक्ट भी कहा जाता है. उत्तराखंड राज्य का नैनीताल किसी भी पर्यटक की पहली पसंद होता है. 12 महीने सदाबहार मौसम वाले नैनीताल पहुंचना अपेक्षाकृत आसान भी है.
हिमालय की कुमाऊं पहाडि़यों की तलहटी की शीतलता पर्यटकों को तनावमुक्त करती है, तो झीलें और देवदार के घने वृक्ष एहसास कराते हैं कि आप किसी खास जगह पर हैं. यों तो पूरा नैनीताल ही दर्शनीय है लेकिन नाशपती के आकार की नैनी झील देख हर कोई होश खो बैठता है. इस झील के पानी में झांकने पर पहाड़ों का प्रतिबिंब देख लगता है कि पहाड़ पानी में उतर आए हैं.
नैनी झील में बोटिंग का भी लुत्फ उठाया जा सकता है. न्यू कपल्स तो यह सुनहरा मौका छोड़ते ही नहीं. इस झील का उत्तरी हिस्सा मल्लीताल और दक्षिणी भाग तल्लीताल कहलाता है. यहां बने पुल पर पोस्टऔफिस भी है.
सैलानियों की चहलपहल मुंहअंधेरे से देररात तक नैनी झील पर रहती है. झील के दोनों किनारों पर दुकानें हैं. मल्लीताल में शाम होते ही पर्यटकों की भीड़ जमा होनी शुरू हो जाती है. इस वक्त जगमगाती रोशनी में यह इलाका बेहद सुहाना और आकर्षक लगता है. नैनीताल के मुख्य बाजार मालरोड पर भी देर रात तक आवाजाही बनी रहती है.