घने बादलों से घिरे हरेभरे जंगल व झीलों का सौंदर्य मेघालय की खूबसूरती में चारचांद लगा देते हैं. गंगटोक में सीढ़ीनुमा रास्ते से जब आप गुजरेंगे तो यहां की खूबसूरती को देख कर मन मुग्ध हो उठेगा.

अपने पुरातन इतिहास के साथ धीरेधीरे आधुनिकता को स्वीकारते भूटान आना शानदार अनुभव है. भारत की सीमा से जुड़े इस देश में जाने के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं है.

मेघालय

जो कपल्स हनीमून जरा हट के मनाना चाहते हैं उन के लिए पूर्वोत्तर राज्य मेघालय का रुख करना बेहतर होगा. यहां का जनजातीय जीवन उन्हें सांस्कृतिक विविधता से भी रूबरू कराता है. मेघालय नाम से ही रूमानियत टपकती है. मेघालय यानी बादलों का घर. यहां की पहाडि़यों से न केवल आप बादलों को नजदीक से देख सकते हैं, बल्कि शिद्दत से महसूस भी कर सकते हैं.

आदिवासी बाहुल्य राज्य मेघालय भारत का स्कौटलैंड भी कहा जाता है क्योंकि यहां की खूबसूरत वादियां, बादलों से ढके पहाड़, झरने और हरेभरे जंगल मिल कर जो नजारा पेश करते हैं वह रूमानियत को और बढ़ा देता है. मेघालय की राजधानी शिलौंग शहर अंगरेजों के शासनकाल में महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र हुआ करता था. शिलौंग में जो 3 जातियां प्रमुखता से पाई जाती हैं वे हैं खासी, जयंति और मारो. ये तीनों जातियां देश की सब से पुरानी जनजातियां हैं.

मेघालय मातृसत्तात्मक व्यवस्था को मान्यता देता राज्य है. वहां घरों के छोटेबड़े फैसले महिलाएं लेती हैं. आप यह जान कर हैरान हो सकते हैं कि मेघालय में शादी के बाद दूल्हा दुलहन के घर जा कर रहता है.

शिलौंग में दर्शनीय स्थलों की भरमार है. इन में से एक प्रमुख शिलौंग पीक है जो शहर से 10 किलोमीटर दूर है. इस पीक की ऊंचाई 1,965 मीटर है, जहां से पूरा शहर दिखाई देता है. रात के समय यह पीक काफी मनोरम दिखाई देती है.

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