जब लव गुरु के नाम से मशहूर हुए पटना के प्रोफेसर मटुकनाथ ने अपने से एक तिहाई उम्र की जूली से शादी की थी, तो उनके घर परिवार के कुछ लोगों को भले इसमें थोड़ा अचरज हुआ हो या अच्छा न लगा हो, मगर बहुसंख्यक भारतीय समाज के लिए यह कोई अचरज या आश्चर्य का विषय नहीं था. क्योंकि भारतीय समाज में एक दो नहीं ऐसे सैकड़ों बल्कि हजारों उदाहरण मौजूद हैं, जब भारतीय पुरुषों ने अपने से बहुत कम उम्र की महिलाओं से शादी की है. ऐसा सिर्फ सेलिब्रिटी ही नहीं करते. हर क्षेत्र के आम और खास लोगों में इस तरह के रिश्ते रहे हैं. आम लोगों मंे जहां यह गरीबी और मजबूरी की वजह से होते हैं, तमाम मां-बाप अपनी लड़कियों का उनसे दोगुना बल्कि कई बार तो तीन गुना उम्र के पुरुषों से शादी कर देते हैं. वहीं ऐसे ही विवाह प्रतिष्ठित मध्यवर्ग में प्रेम या अंडरस्टैंडिंग के नाम पर होते हैं.
यहां तक कि हिंदुस्तान के कई राजनेताओं ने भी ऐसा किया है. संविधान बनाने वाले बाबा साहब अंबेडकर ने भी अपने से काफी कम उम्र की सविता कबीर से और अभी हाल में ही दिवंगत हुए रामविलास पासवान ने अपने से काफी छोटी रीना शर्मा से दूसरी शादी की थी. इस सबमें अलग से नोटिस करने जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए. लेकिन यह नोटिस किया जाना इसलिए मजबूरी हो जाता है कि जब इसी भारतीय समाज में अधेड़ या बूढ़ी महिलाएं अपने से कम उम्र के मर्द से शादी करती हैं तो समाज इसे तमाशा बना देता है. हर कोई इस रिश्ते को लेकर औरत पर लानत, मलानत भेजता है. छूटते ही लोग महिला को व्यंग्य में बूढ़ी घोड़ी कहकर संबोधित करते हैं.