आमतौर पर इस तरह की समस्या कमजोर शुक्राणु के चलते होती है जबकि बच्चा ठहरने के लिए शुक्राणु
की ही जरूरत पड़ती है. ऐसे मामलों में औरतों की फैलोपियन ट्यूब तक शुक्राणु पहुंच ही नहीं पाते हैं और कई कोशिशों के बावजूद औरत पेट से होने में नाकाम रहती है.
इस समस्या के लिए कई बातें जिम्मेदार होती हैं. खास वजह धूम्रपान और ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करना है. ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि गठीला बदन बनाने के लिए लड़के कम उम्र से ही स्टेरौयड और दूसरी दवाओं का सेवन करने लग जाते हैं. इस वजह से बाद की उम्र में उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ जाता है. बहुत ज्यादा कसरत और डायटिंग के लिए भूखे रहने जैसी आदतें भी इस की खास वजहें हैं.
नौजवानों में तेजी से बढ़ते तनाव और डिप्रैशन के साथसाथ प्रदूषण और गलत लाइफस्टाइल के चलते एनीमिया की समस्या भी मर्दों में नामर्दी की वजह बनती है. इनफर्टिलिटी से जुड़े सब से बुरे हालात तब पैदा होते हैं जब मर्द के वीर्य में शुक्राणु नहीं बन पाते हैं. इस को एजूस्पर्मिया कहा जाता है. तकरीबन एक फीसदी मर्द आबादी भारत में इसी समस्या से पीडि़त है.
हमारे शरीर को रोज थोड़ी मात्रा में कसरत की जरूरत होती है, भले ही वह किसी भी रूप में क्यों न हो. इस से हमारे शारीरिक विकास को बढ़ावा मिलता है.